Viral IPS officer in Bihar: पिछले कुछ दिनों में बिहार में दो आईपीएस अधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ये दोनों अधिकारी हैं शिवदीप लांडे और काम्या मिश्रा। दिलचस्प बात यह है कि इन दोनों को ही बेहद बहादुर पुलिसकर्मी माना जाता था। इनके इस्तीफे की चर्चा के बीच ही एक और आईपीएस अधिकारी के नाम पर भी चर्चा हो रही है। उसने फर्जी अधिकारी बनने के लिए दो लाख रुपए दिए, जबकि उसने कभी यूपीएससी की परीक्षा ही नहीं दी। उसका नाम मिथिलेश कुमार है। बिहार के जमुई जिले की सिकंदरा पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है।
मिथिलेश कुमार की उम्र सिर्फ़ अठारह साल है। वह खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर नकली पिस्तौल लेकर घूम रहा था। उसके पास एक पल्सर बाइक है जिसे पुलिस ने ज़ब्त कर लिया है। दसवीं पास मिथिलेश ने दो लाख रुपए का भुगतान किया था। वह नकली आईपीएस अधिकारी बन गया है। इसके लिए उसने अपने चाचा से पैसे उधार लिए थे। सबसे पहले वह आईपीएस अधिकारी की पोशाक पहनकर अपने टोले में गया। उसने अपनी माँ को बताया कि वह शुरू में अधिकारी बनना चाहता है। यह बात उसकी गरीब माँ को बहुत अच्छी लगी। वह बहुत खुश हुई। पूरे टोले ने उसे बधाई दी।
जुमई (Bihar): मीडिया सूत्रों के अनुसार लखीसराय जिले के हलसी क्षेत्र के गोवर्धन बिगहा गांव का मिथिलेश मूल रूप से रहने वाला है। वह आईपीएस की वर्दी पहनकर और कमर में हथियार लटकाकर दो लाख की बाइक पर सवार होकर घर से निकला था। किसी कारणवश वह सिकंदरा चौक पर रुका। उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। उसे देखकर लोगों के मन में अविश्वास का भाव भर गया। किसी ने इसकी सूचना सिकंदरा पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। जमुई पुलिस फिलहाल मामले की गहन जांच कर रही है। इस दौरान मिथिलेश ने कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए।
मिथिलेश के अनुसार कुछ माह पूर्व उसकी मुलाकात खैरा क्षेत्र के मनोज सिंह से हुई। उसने दो लाख रुपये में पुलिसिंग करने की बात कही। चार अगस्त को मैंने उसे दो लाख रुपये दे दिए। इसके बाद उसने कहा कि वर्दी पहन लो और घर चले जाओ। उसने यह भी कहा कि जब भी वह ड्यूटी पर होता है तो फोन करता है। मिथिलेश फिलहाल पुलिस हिरासत में है और आगे की जांच जारी है।